People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

एनडीए सरकार द्वारा ‘मेक इन इण्डिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘डिजिटल इण्डिया’ और ‘व्यापार की सहूलियत’ जैसे कार्यक्रमों का डंका बजाते हुए श्रम कानूनों में संशोधन किये जा रहे हैं | श्रम मंत्रालय द्वारा 43 श्रम कानूनों को 4 बड़े कानूनों में समेकित किया जा रहा है | इसी कड़ी में 10 अगस्त 2017 को लोक सभा में ‘कोड ऑफ़ वेजिस बिल, 2017’ पेश किया गया | प्रत्यक्ष रूप से इस बिल का उद्देश्य वेतन सम्बन्धी निम्न चार केंद्रीय श्रम कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों का एकीकरण व सरलीकरण करना है (१) पेमेंट ऑफ़ वेजिस एक्ट, 1936, (२) मिनिमम वेजिस एक्ट, 1948, (३) पेमेंट ऑफ़ बोनस एक्ट, 1965, (४) इक्वल रेम्यूनरेशन एक्ट, 1976 | गौरतलब है की प्रस्तावित संशोधन मज़दूर विरोधी हैं और मालिकों/प्रबंधन के मुकाबले उनकी स्थिति को मज़बूती देने की जगह और कमज़ोर कर देते हैं | इसका विश्लेषण निम्नलिखित है |

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code_of_wage_bill_hindi_parcha_081117.pdf

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