People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

रिपोर्ट रुद्रपुर, उत्तरांचल स्थित जेनसेट बनाने वाली हौंडा सिएल पॉवर प्रोडक्ट्स लिमिटेड में धीरे- धीरे फैक्ट्री को बंद करने की कोशिश के खिलाफ कर्मचारियों के संघर्ष की दास्ताँ सामने रखती है| इस रिपोर्ट में बहुत स्पष्ट तरीके से उत्पादन के बदलते तरीकों को रेखंकित किया गया है जिनके चलते पूँजी और मजदूरों के बीच का टकराव और ज्यादा बढ़ा है| ठेका मजदूरी का बढ़ना, उत्पादन व् प्रोसेसिंग की कुछ प्रक्रियायों को बाहर ठेके पर देकर करवाना, जहाँ मजदूरी फैक्ट्री में परमानेंट कर्मचारियों की तुलना में एक चौथाई भर है, कुछ ऐसे बदलाव हैं जो मजदूरों की संगठित शक्ति व् उनकी यूनियनों को कमज़ोर कर रहे हैं| कर्मचारियों की बढ़ती परेशानियों पर श्रम विभाग साफ़ तौर पर फैक्ट्री मालिकों व् पूंजीपतियों के साथ खड़ा दिखाई देता है| इस प्रकार रिपोर्ट उदारीकरण के राजनैतिक व् आर्थिक परिवेश में मजदूरों की यूनियनों के कमज़ोर पड़ने व् मुनाफे बढ़ाने की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह पूँजी के पलायन के सन्दर्भ में रुद्रपुर में चल रहे कर्मचारी संघर्ष व् मजदूरों पर इन व्यापक पर्क्रियाओं के प्रतिकूल प्रभावों की विवेचना प्रस्तुत करती है|

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आज यहीं तो कल कहीं

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